बिजली विभाग को होने वाले वित्तीय नुकसान का सबस बड़ा कारण बिजली चोरी होना है। जिस वजह से बिजली विभाग के लिए इलेक्ट्रिसिटी चोरी एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इसे रोकने के लिए सन 2003 में Electricity Act भी लाया गया था जिसके तहत बिजली चोरी पकडे जाने पर जुर्माना और जेल की सजा के प्रावधान बनाए गए है। भारत में रोजाना हजारो लोग Electricity Theft करते हुए पकडे जाते है जिनके मन में कुछ सवाल रहते है कि बिजली चोरी का जुर्माना कितना लगता है? इस अपराध में कौन सी कानूनी धारा लगती है और सज़ा कितने साल की हो सकती है? आज हम इन सभी सवालो के जवाब सरल भाषा में आपको देंगे।
भारत के ग्रामीण के साथ में शहरी इलाको में भी Electricity Theft Case बढ़ते जा रहे है जिसे रोकने के लिए बिजली विभाग की टीम समय-समय पर छापे मारकर चेकिंग करती रहती है। छापे के दौरान जो विद्युत चोरी करते समय पकड़ा जाता है उस पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमा करने के साथ में पेनल्टी के रूप में जुर्माना भी लगा सकती है। UP, MP, Haryana, Bihar, Punjab, Rajasthan, Delhi या भारत के अन्य राज्य के ग्रामीण या शहरी इलाके में बिजली चोरी पर जुर्माना किस आधार पर कितने रूपए लगेगा इसका निर्धारण कैसे होता है? ये आप नीचे डिटेल में जानेंगे।
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बिजली चोरी पकडे जाने पर जुर्माना कितना लगता है?
बिजली के मीटर में छेड़छाड़, केबल में कट लगाकर और बिजली के खंबे पर तार डालकर बिजली की चोरी करना अपराध की श्रेणी में आता है। बिजली चोरी के लिए 2003 में विद्युत एक्ट बनाया गया जिसमे धारा 135 और धारा 138 के अंतर्गत जुर्माना और जेल की सजा निर्धारित की गई। Electricity Theft करने पर Penalties Fine के साथ 3 साल तक जेल की सज़ा भी भुगतनी पड़ सकती है।
विद्युत चोरी करते पकडे जाने पर Fine कितना लगेगा ये कई बातो पर निर्भर करता है। भारत के किसा राज्य में चोरी का केस पकड़ा गया है, चोरी के समय मीटर लोड कितना था और चोरी करने के तरीका क्या था? ये कुछ मुख्य फैक्टर है जिनके आधार पर जुर्माना राशी निर्धारित किया जाता है। इसलिए आपने सुना होगा किसी का बिजली चोरी का जुर्माना 20-30 हजार आता है तो किसी का जुर्माना लाखो में भी आता है।
भारत के विभिन्न राज्यों में बिजली की एक यूनिट का रेट अलग हो सकता है जिस वजह से जुर्माना भी राज्यों के आधार पर कम ज्यादा हो सकता है। नीचे हम जानेंगे Electricity Theft Penalty Calculate करने का तरीका और बिजली चोरी करने पर कौन सी धारा और मुकदमा लगता है?
बिजली चोरी का जुर्माना (Penalty, Fine) कैसे निर्धारित किया जाता है?
बिजली चोरी करते हुए पकडे जाने पर पेनल्टी के रूप में कितना फाइन भरना होगा ये पता करने के लिए कुछ फैक्टर के बारे में जानना जरुरी होता है। नीचे आप एक फार्मूला देखेंगे जिसके अनुसार बिजली विभाग अधिकारी किसी का भी जुर्माना निर्धारित करते है। नीचे दिए फार्मूले से यूनिट निकाली जाती है और उस राज्य के यूनिट कीमत के अनुसार फाइनल पेनल्टी निकाली जाता है।
Unit = L × D × H × F
- L = यहाँ पर L का मतलब Load से है। छापे के दौरान जब बिजली चोरी पकड़ी गयी उस समय मीटर में क्या लोड था, इसका निर्धारण छापा मारने वाला अधिकारी करता है। ये लोड किलोवाट में होता है।
- D = यहाँ पर D का मतलब है Days यानी दिन। जितने दिन विद्युत चोरी की गई है, वो यहाँ पर ली जाती है, इसका निर्धारण भी बिजली चेकिंग करने वाला मुख्य अधिकारी करता है। अधिकतम दिनों की संख्या 365 दिन ली जा सकती है।
- H = H यहाँ पर Hours यानी घंटो के लिए उपयोग किया गया है। उस एरिया में रोजाना कितने घंटे औसतन बिजली सप्लाई होती है वो संख्या यहाँ पर भरनी होती है।
- F = F का मतलब है Load Factor. इसकी अधिकतम संख्या 1 हो सकती है। वो बिजली कनेक्शन Domestic है या Commercial. कनेक्शन कितने किलोवाट का है और Electricity Theft का तरीका क्या है? ये सभी फैक्टर Load factor निर्धारित करते है। लोड फैक्टर भी डिवीज़न, सब डिवीज़न या विजिलेंस अधिकारी जिसने भी छापा मारा है वो निर्धारित करता है।
उदाहरण – बिजली चोरी जुर्माने को हम उदाहरण से समझने का प्रयास करते है। बिजली चोरी पकडे जाने के समय मीटर लोड 2 Kilowatt [L] है और इलेक्ट्रिसिटी चोरी के दिनों को अधिकतम यानी 365 दिन [D] निर्धारित किया गया है। जहाँ पर बिजली चोरी पकड़ी गयी है वहां पर प्रतिदिन 16 घंटे [H] बिजली आती है। Load Factor 0.5 [L] निर्धारित किया गया है। इस हिसाब से उपर बताए फार्मूले से कुल यूनिट निकाल लेते है जो होगी:
- Unit = 2 [L] × 365 [D] × 16 [H] × 0.5 [F]
- Unit = 5840
कुल यूनिट होती है 5840. अब जुर्माना राशि कितनी होगी ये निर्भर करता है उस राज्य में बिजली यूनिट रेट क्या है? उदाहरण के लिए इलेक्ट्रिसिटी चोरी लखनऊ (UP) में पकड़ी गयी है और UP में बिजली यूनिट रेट 7 रूपए/यूनिट है तो बिजली चोरी पेनल्टी बनती है : 5840 × 7 = 40880 रूपए
जाने – बिजली चोरी की शिकायत किस नंबर पर कैसे करे
Electricity Theft में कौन सी धारा (FIR) लगती है?
जब कोई बिजली चोरी करते पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माने के साथ में जेल भी जाना पड़ सकता है। बिजली चोरी करने वाले पर एफआईआर और मुकदमा Electricity Theft Act Section 135 और Section 138 के आधार पर दर्ज होता है।
- जिन लोगो का कोई भी बिजली कनेक्शन नहीं है और वो बिजली के खम्बे या लाइन पर कटिया डालकर विद्युत चोरी करते है उन पर धारा 138 के तहत जुर्माना और सजा के लिए कारवाई की जाती है।
- जिन लोगो का पहले से बिजली कनेक्शन है और वो फिर भी मीटर छेड़छाड़, रिमोट, कटिया डालकर या किसी अन्य तरीके से बिजली चोरी करते पकड़ा जाता है तो उस पर धारा 135 के अंतर्गत कारवाई होती है।
बिजली चोरी करने पर कितने साल की जेल हो सकती है?
Electricity Theft Case में Penalty के साथ में Punishment का भी प्रावधान है। बिजली चोरी पकडे जाने पर सज़ा कितने होगी ये कई बातो पर निर्भर करता है।
- जो लोग पहली बार बिजली चोरे करते हुए पकडे गए है उन्हें 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते है।
- जो लोग दूसरी या ज्यादा बार बिजली चोरी का अपराध करते हुए पकडे गए है उनको कम से कम 6 महीने की जेल और अधिकतम 6 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना कम से कम 10 हजार होगा। इसके अलावा बिजली चोरी करने पकडे जाने पर जुर्माना और जेल दोनों की सज़ा कोर्ट द्वारा सुनाई जा सकती है।
दोस्तों आज आपने जाना बिजली चोरी करने पर सजा और जुर्माना कितना हो सकता है? हम आशा करते है आपको Electricity Theft Punishment और Penalty Amount से जुडी पूरी जानकारी मिल गई होगी। ये आर्टिकल आपको फायदेमंद लगा है तो इसे अपने दोस्तो और जानने वालो के साथ शेयर करना ना भूले।