सिंगल और थ्री फेज कनेक्शन में अंतर, फायदे – Single vs 3 Phase in Hindi

Single & Three Phase Connection in Hindi – जब हम बिजली का कनेक्शन लेने का सोचते है तो हमारे पास कई विकल्प होते है जैसे कितने किलोवाट का कनेक्शन ले? सिंगल फेज या थ्री फेज कनेक्शन लगवाए? आज हम आपको Single और 3 फेज कनेक्शन क्या होते है? इनके फायदे और इनमे अंतर क्या होते है? क्या थ्री फेज कनेक्शन का बिल ज्यादा आता है? सिंगल और थ्री फेज से संबधित ऐसे सभी सवालो के जवाब सरल भाषा में देंगे।

भारत में बिजली उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन लेना अनिवार्य होता है जिसके बाद ही वो अपने घर या अन्य स्थानों पर बिजली उपयोग कर पाते है। बिजली कनेक्शन 2 प्रकार का होता है Single Phase और Three Phase Connection.

आम-तौर पर ये माना जाता है कि जिन लोगो की बिजली खपत अधिक होती है यानि एक समय में हैवी लोड रहता है तो उन्हें थ्री फेज कनेक्शन लेना चाहिए। यहाँ तक की घरो के लिए भी तीन फेज कनेक्शन लेने की सलाह दी जाने लगी है। पर ऐसा नहीं है कई ऐसे फैक्टर है जिनको ध्यान में रखते हुए हमें बिजली कनेक्शन टाइप का चुनाव करना होता है। नीचे हमने दोनों तरह के कनेक्शन की परिभाषा, इनमे मुख्य अंतर और इनमे से कोई सा बेहतर है ये आप विस्तार से जानेंगे।

Single Three Phase in Hindi

Single और Three Phase Connection क्या होते है?

हम सबके घर, दूकान या अन्य स्थानों में बिजली की सप्लाई तारो (wire) के द्वारा होती है और इन तारो में AC Current प्रवाहित होता है। जब बिजली सप्लाई के लिए 2 तार का उपयोग किया जाता है उसे Single Phase कहते है। सिंगल फेज में एक तार फेज ही होती है जिससे उसमे करंट आता है और दूसरी तार न्यूट्रल (neutral) की होती है। Three Phase में विद्युत सप्लाई 3 या 4 तारो के माध्यम से की जाती है जिसमे 3 तार फेज की होती है जिससे AC Current हमें मिलता है और एक तार न्यूट्रल की होती है .

Single Phase Connection आम तौर पर घरेलू कनेक्शन (Domestic Connection) के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि घर का लोड ज्यादा नहीं होता तो उसके लिए सिंगल फेज काफी रहता है। हालाँकि Non Domestic Connection में भी थ्री फेज दिया जाता है जहाँ पर लोड कम रहता है। भारत में 7.5 Kilowatt (10HP) से कम लोड वाले कनेक्शन सिंगल फेज के दिए जाते है।

Three Phase Connection उन जगह के लिए सही रहता है जहाँ पर बिजली का लोड काफी ज्यादा रहता है। थ्री फेज में 3 फेज होते है इसलिए अधिक लोड में भी पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन अच्छे से हो जाता है। इसलिए अधिक पॉवर वाली मोटर के लिए थ्री फेज अच्छे माने जाते है। इसलिए कमर्शियल जगहों पर जयादा लोड के लिए 3 Phase Connection ही लिए जाते है। जिन लोगो को 7.5 किलोवाट से अधिक लोड का बिजली कनेक्शन लेना होता है उन्हें Three Phase Connection ही मिल पाता है।

सिंगल और थ्री फेज में अंतर – Single vs Three Phase in Hindi

आपने Single और 3 Phase Connection का अर्थ और परिभाषा उपर देख ली है। अब हम इन दोनों में मुख्य अंतर के बारे में बात करेंगे।

Single PhaseThree Phase
2 तार होती है जिसमे एक तार फेज की और दूसरी न्यूट्रल की होती है।4 वायर होती है जिसमे एक 3 तार फेज की और एक तार न्यूट्रल की होती है।
सिंगल फेज में टोटल पॉवर सप्लाई 230 V होती हैथ्री फेज में टोटल 415 V पॉवर सप्लाई होती है
7.5 Kilowatt (10HP) से कम लोड के लिए सिंगल फेज कनेक्शन दिए जाता है।7.5 Kilowatt से अधिक लोड के लिए थ्री फेज कनेक्शन लेना अनिवार्य होता है।
सिंगल फेज कनेक्शन लेने का शुल्क कम होता है।थ्री फेज कनेक्शन लेने के लिए शुल्क थोडा ज्यादा रहता है।
सिंगल फेज में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन अच्छा नहीं होता।3 फेज होने से पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन अच्छा रहता है।

सिंगल और थ्री फेज में बेहतर कौन सा है – मुझे कौन सा कनेक्शन लेना चाहिए?

अगर आप हमसे ये पूछे की Single और Three Phase Electricity Connection में से कौन सा अच्छा है तो इसका जवाब होगा Three Phase. 3 फेज होने के कारन पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन बढ़िया मिल जाता है। सिंगल फेज में जहाँ एक ही फेज पर हमें अपना पूरा लोड डालना होता है, वही थ्री फेज में हम लोड को तीनो फेज में बाँट सकते है, इसलिए Heavy Load के लिए हमेशा 3 Phase Connection लेने की सलाह दी जाती है।

Three Phase Connection का एक और फायदा ये है कि अगर किसी खराबी से कोई एक फेज में बिजली आना बंद हो जाए तो हम दूसरे फेज से पॉवर ले सकते है। थ्री फेज के नेगेटिव की बात की जाए तो इस तरह के कनेक्शन को लेने का चार्ज सिंगल फेज से अधिक होता है।

आपको कौन सा कनेक्शन लेना चाहिए ये निर्भर करता है आपके टोटल लोड पर। आपका लोड 7.5 किलोवाट से कम है तो आपको Three Phase की जरुरत नहीं है, आप आसानी से सिंगल फेज पर अपने सभी बिजली के उपकरणों को चला पाएंगे। 3 Phase Connection लेने के लिए Charge भी अधिक लगता है इसलिए बिना जरुरत से थ्री फेज लेना सहीं नहीं रहता।

Single और 3 Phase Connection से जुड़े आम सवाल

सिंगल और थ्री फेज कनेक्शन में अंतर क्या होता है?

सिंगल फेज में 2 वायर होती है जिसके एक फेज की और दूसरी न्यूट्रल की वायर होती है। थ्री फेज में हमें 3 अलग फेज मिलते है और एक वायर न्यूट्रल की होती है।

क्या हम अपने Single Phase Connection का Load बढ़ा सकते है?

हाँ, आप अपना सिंगल पाहस एक लोड बढाने के लिए आवेदन दे सकते है। पर इंडिया में सिंगल फेज कनेक्शन का अधिकतम लोड 7.5KW तक ही बढाया जा सकता है।

क्या हमें थ्री फेज कनेक्शन के लिए घर के स्विच और प्लग बदलवाने पढ़ते है?

जी नहीं, थ्री फेज और सिंगल फेज दोनों के लिए ही स्विच एक जैसे ही होते है। स्विच आपको उसपे चलने वाले उपकरण लोड के अनुसार ही रखने होंगे।

3 Phase Connection का Electricity Bill ज्यादा आता है?

अगर आपका टोटल लोड 5 किलोवाट से अधिक है तो थ्री फेज और सिंगल फेज कनेक्शन के बिल में अंतर कम ही होगा। क्योंकि एक लिमिट के बाद यूनिट चार्ज दोनों कनेक्शन का सामान ही रहता है।

दोस्तों आपने आज जाना सिंगल और थ्री फेज क्या होते है – इनमे अंतर और फायदे नुकसान? हम उम्मीद करते है इस टॉपिक से जुडी पूरी जानकारी आपको मिल गई होगी। Single या Three Phase Connection से संबधित अन्य कोई भी सवाल आप कमेंट में लिखकर हमसे पूछ सकते है।

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About Bijli_Bill

दोस्तों, हम काफी समय से बिजली बिल और विद्युत विभाग से संबधित कार्य कर रहे है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम भारत के सभी राज्यों के लोगो तक बिजली बिल और इलेक्ट्रिसिटी से संबधित जानकारी शेयर करना है, जिससे उन्हें सही जानकारी ऑनलाइन मिल सके।

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